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Showing posts from February, 2025

पहली मोहब्बत की पहली बारिश

पहली मोहब्बत की पहली बारिश सौम्या के लिए वो दिन खास था, जब पहली बार उसने महसूस किया कि दिल की धड़कनें किसी के लिए तेज़ हो सकती हैं। कॉलेज का पहला साल था और नई दुनिया में कदम रखते ही उसकी मुलाकात आरव से हुई थी। आरव अपने शांत स्वभाव और गहरी आँखों के कारण सबसे अलग दिखता था। सौम्या को पहली बार उससे तब बात करने का मौका मिला, जब लाइब्रेरी में उसकी किताबें ज़मीन पर गिर गईं और आरव ने झुककर उन्हें उठा दिया। उनकी उंगलियाँ हल्के से टकराईं, और उसी पल सौम्या के दिल में कुछ अजीब सा एहसास हुआ। धीरे-धीरे दोनों के बीच दोस्ती गहरी होने लगी। लंच ब्रेक में साथ बैठना, नोट्स शेयर करना और कॉलेज के बाद साथ में कैफे जाना उनकी आदत बन चुकी थी। सौम्या को एहसास होने लगा कि वो आरव के बिना अपने दिन की कल्पना भी नहीं कर सकती थी। लेकिन उसे डर था कि कहीं उसकी भावनाएँ एकतरफा न हों। एक दिन अचानक बारिश शुरू हो गई। दोनों कॉलेज की कैंटीन में खड़े थे। बारिश की बूंदें सौम्या के चेहरे पर गिर रही थीं, और वो बादलों की ओर देखकर हल्के से मुस्कुरा रही थी। तभी आरव ने धीरे से उसका हाथ पकड़ा और कहा, "तुम्हें बारिश पसंद है?...

पहली मोहब्बत की पहली बारिश

 पहली मोहब्बत की पहली बारिश सौम्या के लिए वो दिन खास था, जब पहली बार उसने महसूस किया कि दिल की धड़कनें किसी के लिए तेज़ हो सकती हैं। कॉलेज का पहला साल था और नई दुनिया में कदम रखते ही उसकी मुलाकात आरव से हुई थी। आरव अपने शांत स्वभाव और गहरी आँखों के कारण सबसे अलग दिखता था। सौम्या को पहली बार उससे तब बात करने का मौका मिला, जब लाइब्रेरी में उसकी किताबें ज़मीन पर गिर गईं और आरव ने झुककर उन्हें उठा दिया। उनकी उंगलियाँ हल्के से टकराईं, और उसी पल सौम्या के दिल में कुछ अजीब सा एहसास हुआ। धीरे-धीरे दोनों के बीच दोस्ती गहरी होने लगी। लंच ब्रेक में साथ बैठना, नोट्स शेयर करना और कॉलेज के बाद साथ में कैफे जाना उनकी आदत बन चुकी थी। सौम्या को एहसास होने लगा कि वो आरव के बिना अपने दिन की कल्पना भी नहीं कर सकती थी। लेकिन उसे डर था कि कहीं उसकी भावनाएँ एकतरफा न हों। एक दिन अचानक बारिश शुरू हो गई। दोनों कॉलेज की कैंटीन में खड़े थे। बारिश की बूंदें सौम्या के चेहरे पर गिर रही थीं, और वो बादलों की ओर देखकर हल्के से मुस्कुरा रही थी। तभी आरव ने धीरे से उसका हाथ पकड़ा और कहा, "तुम्हें बारिश पसंद है?...

पहली बार का एहसास

पहली बार का एहसास  💖 नेहा एक छोटे शहर की सीधी-सादी लड़की थी, जो हमेशा अपनी किताबों और सपनों में खोई रहती थी। कॉलेज की दुनिया में कदम रखने के बाद, उसे पहली बार खुद को समझने और अपनी भावनाओं को महसूस करने का मौका मिला। वहीं, उसकी मुलाकात आर्यन से हुई—एक सुलझा हुआ, समझदार और बेहद आकर्षक लड़का। दोनों की दोस्ती जल्दी ही गहरी होती गई, और एक-दूसरे के साथ समय बिताना उनकी ज़िंदगी का सबसे खूबसूरत हिस्सा बन गया। ✨ पहली नज़दीकी एक दिन, कॉलेज के ट्रिप पर दोनों अकेले थे। ठंडी हवा, चाँदनी रात, और उनके बीच की नज़दीकियाँ सबकुछ कह रही थीं जो शब्द नहीं कह सकते थे। आर्यन ने धीरे से नेहा का हाथ पकड़ा, और उसके दिल की धड़कनें तेज़ हो गईं। "क्या तुम मुझ पर भरोसा करती हो?" आर्यन ने पूछा। नेहा ने उसकी आँखों में झाँका और हल्की मुस्कान के साथ सिर हिला दिया। 💫 पहली बार का एहसास उस रात, उन्होंने पहली बार अपने एहसासों को खुलकर महसूस किया। हर छुअन में प्यार था, हर साँस में विश्वास। नेहा को पहली बार अपनी देह और दिल के बीच का जुड़ाव महसूस हुआ। यह कोई जल्दबाजी नहीं थी, न ही कोई अपराधबोध—यह बस प्यार था...

तीन धड़कनें, एक कहानी

  तीन धड़कनें, एक कहानी ❤️💔💙 छोटे से पहाड़ी शहर में बसे मुस्कान, राघव और कबीर की दोस्ती बचपन से थी। तीनों हमेशा साथ रहते, हंसते, खेलते और एक-दूसरे के बिना अधूरे से लगते। लेकिन जैसे-जैसे उम्र बढ़ी, यह दोस्ती एक जज़्बात में बदलने लगी—एक ऐसा एहसास जो सिर्फ दोस्ती से कहीं आगे था। पहला एहसास मुस्कान को हमेशा राघव की बातें अच्छी लगती थीं। उसकी हंसी, उसकी शरारतें, और वह अपनापन जिससे वह उसे देखता था। लेकिन दूसरी तरफ कबीर भी था—शांत, समझदार और हर मुश्किल में मुस्कान का सहारा। राघव ने कभी खुलकर नहीं कहा, लेकिन उसकी आँखों में एक खास जगह थी सिर्फ मुस्कान के लिए। वहीं, कबीर ने हमेशा मुस्कान के करीब रहने की कोशिश की, उसकी हर ख़ुशी और हर आंसू में शामिल रहा। इज़हार और उलझन एक दिन बारिश में भीगते हुए राघव ने मुस्कान का हाथ पकड़कर कहा, "मुस्कान, मुझे नहीं पता यह प्यार है या नहीं, लेकिन तुम्हारे बिना मैं अधूरा हूँ।" मुस्कान के दिल की धड़कनें तेज़ हो गईं, लेकिन तभी कबीर ने भी उसे अकेले में कहा, "तुम जानती हो न, मैं तुम्हें कितना चाहता हूँ?" मुस्कान उलझ गई। एक तरफ राघव था, ज...

खुद से मुलाकात

खुद से मुलाकात नेहा एक शांत और जिज्ञासु लड़की थी। हर समय दुनिया को समझने की कोशिश में लगी रहती थी। लेकिन एक चीज़ थी जो उसने कभी खुद से भी नहीं पूछी थी—खुद को समझने की कोशिश। एक रात, जब वह अपने कमरे में अकेली थी, खिड़की से चाँदनी उसके चेहरे पर गिर रही थी। अचानक, उसके मन में एक सवाल उठा—"मैं खुद को कितना जानती हूँ?" वह बचपन से दूसरों की उम्मीदों के अनुसार चलती रही थी। स्कूल, कॉलेज, दोस्त—सबकी बातें सुनी, लेकिन कभी अपने दिल की आवाज़ नहीं सुनी। उसने धीरे-धीरे खुद को महसूस करना शुरू किया। उसकी उंगलियाँ, उसकी साँसें, उसका धड़कता हुआ दिल—सब जैसे उसे एक नई यात्रा पर ले जा रहे थे। यह एक नई दुनिया थी, जिसमें वह खुद के सबसे करीब थी। उस रात के बाद, नेहा में एक आत्मविश्वास आ गया। उसने खुद से प्रेम करना सीख लिया, अपनी इच्छाओं को समझना और उन्हें स्वीकार करना सीख लिया। अब वह सिर्फ दुनिया की नहीं, बल्कि अपनी भी सुनने लगी थी। क्योंकि असली खुशी तब होती है जब हम खुद को जानने लगते हैं, बिना किसी डर के, बिना किसी झिझक के। अगर आप इसमें कोई और विशेषता जोड़ना चाहते हैं, तो बता सकते हैं! 😊

समर्पण: एक लड़की का प्रेम अनुभव

  समर्पण: एक लड़की का प्रेम अनुभव भूमिका प्रेम सीमाओं में बंधा नहीं होता, यह मन और आत्मा का मेल होता है। यह कहानी स्नेहा और आराध्या की है, जो समाज की बेड़ियों को तोड़ते हुए अपने प्रेम को अपनाने की यात्रा पर निकलती हैं। पहली मुलाकात स्नेहा और आराध्या की मुलाकात कॉलेज में हुई थी। दोनों साहित्य प्रेमी थीं और अक्सर लाइब्रेरी में एक ही किताब को पढ़ते हुए बहस में उलझ जातीं। धीरे-धीरे, उनकी दोस्ती गहरी होने लगी। वे साथ में घंटों बातें करतीं, सपने बुनतीं और एक-दूसरे की दुनिया का हिस्सा बनने लगीं। आत्म-स्वीकृति स्नेहा को समझ नहीं आता था कि वह आराध्या के प्रति इतना जुड़ाव क्यों महसूस करती है। जब वह उसके करीब होती, तो उसके दिल की धड़कन तेज़ हो जाती, और वह खुद को उसके बिना अधूरा महसूस करने लगती। दूसरी ओर, आराध्या भी यही महसूस कर रही थी, लेकिन समाज के डर से वह इन भावनाओं को स्वीकारने से हिचकिचा रही थी। प्रेम का इज़हार एक दिन, कॉलेज ट्रिप के दौरान, जब वे एक शांत झील के किनारे बैठे थे, स्नेहा ने धीरे से आराध्या का हाथ पकड़ लिया। उसने अपनी भावनाओं को शब्दों में पिरोने की कोशिश की, लेकिन उस...

यौवन, हार्मोनल असंतुलन और आत्म-खोज: एक लड़की की कहानी

यौवन, हार्मोनल असंतुलन और आत्म-खोज: एक लड़की की कहानी भूमिका जीवन में हर व्यक्ति अपने शरीर और भावनाओं के उतार-चढ़ाव से गुजरता है। कभी-कभी हार्मोनल असंतुलन भी मानसिक और शारीरिक स्थिति को प्रभावित कर सकता है। यह कहानी सृष्टि की है, जो अपने शरीर में हो रहे बदलावों को समझने और अपने जीवन को संतुलित करने की कोशिश कर रही है। हार्मोनल बदलाव और नई अनुभूतियाँ सृष्टि बचपन से ही एक आत्मनिर्भर और जिज्ञासु लड़की थी, लेकिन जैसे-जैसे वह किशोरावस्था से युवावस्था में कदम रखी, उसने अपने शरीर में कई असामान्य बदलाव महसूस किए। उसका मन हर समय बेचैन रहता, और उसे अपने भीतर एक अजीब-सी उत्तेजना महसूस होती। डॉक्टर से परामर्श लेने पर पता चला कि वह हार्मोनल असंतुलन से गुजर रही है, जिसके कारण उसकी यौन इच्छाएँ सामान्य से अधिक प्रबल थीं। आत्म-स्वीकृति और समझदारी पहले तो सृष्टि खुद को समझ नहीं पा रही थी, लेकिन धीरे-धीरे उसने अपने मन और शरीर की जरूरतों को स्वीकार करना शुरू किया। उसने इस बारे में पढ़ना और समझना शुरू किया कि हार्मोनल असंतुलन किस प्रकार व्यक्ति की इच्छाओं को प्रभावित कर सकता है। इस सफर में उसने यह भी...

यौवन और आकर्षण: एक युवा लड़की की कहानी

  यौवन और आकर्षण: एक युवा लड़की की कहानी भूमिका यौवन एक ऐसा समय होता है जब शरीर और मन दोनों नई भावनाओं और अनुभूतियों से गुजरते हैं। यह कहानी नेहा की है, जो अपने भीतर उमड़ते सवालों और इच्छाओं को समझने की यात्रा पर निकलती है। नई अनुभूतियों की शुरुआत नेहा एक होशियार और जिज्ञासु लड़की थी। कॉलेज में दाखिला लेने के बाद, उसने खुद में कई बदलाव महसूस किए। सहेलियों से बातचीत के दौरान जब प्रेम और आकर्षण की बातें होतीं, तो उसे भी इस विषय में रुचि होने लगी। पहली धड़कन एक दिन लाइब्रेरी में किताबें ढूंढते समय उसकी मुलाकात आर्यन से हुई। आर्यन आत्मविश्वासी और समझदार लड़का था। दोनों के बीच बातचीत होने लगी और नेहा को महसूस हुआ कि वह उसकी ओर आकर्षित हो रही है। आत्म-खोज और समझ नेहा ने महसूस किया कि उसका यह आकर्षण केवल बाहरी नहीं था, बल्कि एक गहरी भावना थी। उसने इंटरनेट और किताबों के माध्यम से यौन शिक्षा और शरीर की प्रकृति को समझना शुरू किया। इस प्रक्रिया में उसे एहसास हुआ कि यौन इच्छाएँ स्वाभाविक होती हैं और इन्हें समझना जरूरी है। पहली नज़दीकी आर्यन और नेहा के बीच नज़दीकियाँ बढ़ने लगीं। लेकिन...

यौवन सुख और प्रेम: एक प्रेम कथा

  यौवन सुख और प्रेम: एक प्रेम कथा भूमिका प्रेम, यौवन सुख और शारीरिक अंतरंगता जीवन के महत्वपूर्ण पहलू हैं। यह न केवल शारीरिक संतुष्टि देता है बल्कि दो लोगों के बीच भावनात्मक और मानसिक जुड़ाव को भी गहरा करता है। यह कहानी एक युवा जोड़े की है, जो प्रेम, आत्म-खोज और यौन जागरूकता के सफर से गुजरते हैं। एक नई शुरुआत आदित्य और स्नेहा कॉलेज में मिले थे। उनकी पहली मुलाकात एक साहित्य संगोष्ठी में हुई, जहाँ वे दोनों प्रेम और रिश्तों पर चर्चा कर रहे थे। धीरे-धीरे, उनकी दोस्ती गहरी होती गई और वे एक-दूसरे के करीब आने लगे। प्रेम का एहसास एक दिन, बारिश में भीगते हुए स्नेहा ने आदित्य का हाथ थाम लिया और दोनों की आँखों में वही चमक थी जो शब्दों से परे थी। यह पहला मौका था जब दोनों को एहसास हुआ कि वे सिर्फ अच्छे दोस्त नहीं, बल्कि एक-दूसरे के लिए खास हैं। अंतरंगता की ओर बढ़ते कदम समय के साथ, उनका रिश्ता और प्रगाढ़ हुआ। वे एक-दूसरे के साथ ज्यादा समय बिताने लगे और धीरे-धीरे उनके बीच शारीरिक आकर्षण भी बढ़ने लगा। लेकिन उन्होंने इस सफर को आत्मसम्मान और एक-दूसरे की भावनाओं के सम्मान के साथ तय किया। यौवन...

Once is not enough

 Sheila and Roy had been fucking for hours, but neither of them seemed to be getting enough. They were insatiable, their bodies craving each other in a way that went beyond mere physical attraction. This was love, pure and simple, but with an intensity that was anything but. As they lay together on the bed, their limbs tangled and their breaths coming in ragged gasps, Sheila looked into Roy's eyes and saw the same desire that she felt reflected back at her. She knew that one good fuck was not going to be enough for either of them. They were in love, and they wanted to express that love in the most primal way possible. Roy rolled onto his back, pulling Sheila on top of him. She straddled him, her wet pussy grinding against his hard dick. He reached up and cupped her breasts, teasing her nipples with his thumbs. Sheila moaned, throwing her head back as she began to ride him. Their bodies moved together in a rhythm that was both urgent and languid. They had all the time in the world, ...

Husband mother Betrayal story - When Trust Is Shattered at Home

  Discovering infidelity is one of the most devastating experiences a person can endure. But what happens when the betrayal involves not only your spouse but also someone you trust implicitly—your own mother? This is the heart-wrenching story of Laura, whose life was torn apart by a revelation that no one should ever have to face. Laura had always considered her marriage to David to be strong and loving. They had been together for eight years, building a life filled with dreams of a bright future. Laura trusted David with her heart and soul, and she believed he felt the same. She also shared a close bond with her mother, Rosa. Rosa had been Laura’s rock through life’s ups and downs, a constant source of support and wisdom. Laura felt blessed to have these two pillars in her life. However, everything changed on a seemingly ordinary afternoon. Laura had left work early, feeling a bit under the weather. She decided to surprise David by picking up his favorite dinner on the way ...

The Hidden Affair

     A Mother's Secret Love Sofia had always believed that her family was built on trust and love. Her mother, Clara, had raised her single-handedly after her father left when she was a child. Their bond was unbreakable, or so she thought. When Sofia met Lucas, her charming and caring boyfriend, she felt like everything in her life was finally falling into place. Little did she know, a storm was brewing right under her roof—one that would shatter her world. Clara was in her mid-40s, a woman who had devoted her life to raising Sofia and working tirelessly to provide a good life.  She had set aside her personal happiness for years, prioritizing her daughter's well-being above all else. But beneath her composed exterior, Clara longed for companionship and affection—feelings she had suppressed for far too long. Lucas was 25, confident, and full of life. He had an easy charm that drew people to him, including Clara. When he and Sofia began dating, he was quickly welc...

When Trust Shatters: A Mother's Betrayal

  Title: When Trust Shatters: A Mother's Betrayal The bond between a mother and daughter is often considered one of the strongest and most sacred relationships in a person’s life. It is built on a foundation of trust, understanding, and unconditional love. However, what happens when that foundation is rocked by an act of betrayal so profound it leaves both parties irreparably damaged?  This is the story of Elena and her mother, Zulema, whose relationship was tested in ways neither could have anticipated. Elena was a bright and ambitious 22-year-old woman who had just started building her future. She was in her final year of university, balancing her academic responsibilities with a part-time job at a local café. Despite her busy schedule, she always made time for her family.  Her mother, Zulema, had raised her as a single parent after Elena's father left when she was a toddler. Their bond was the kind that made others envious. They were more like best friends than mot...

धोखे का प्रेम: एक कहानी

  प्रेम एक ऐसा अनुभव है, जो जीवन को नया अर्थ और दिशा देता है। लेकिन जब प्रेम में धोखा मिल जाए, तो यह एक गहरे घाव की तरह बन जाता है, जो दिल और आत्मा दोनों को घायल कर देता है। यह कहानी एक ऐसे प्रेम की है, जो विश्वास, भावनाओं और विश्वासघात के इर्द-गिर्द घूमती है। प्रेम की शुरुआत रिया और आदित्य की मुलाकात एक सामाजिक समारोह में हुई थी। पहली नजर में ही दोनों के बीच एक अजीब सा आकर्षण था। धीरे-धीरे वे एक-दूसरे के करीब आए और प्रेम में डूब गए। आदित्य ने रिया को दुनिया की हर खुशी देने का वादा किया, और रिया ने भी उसे अपने जीवन का अहम हिस्सा बना लिया। विश्वास का बंधन रिया और आदित्य का रिश्ता विश्वास पर टिका था। वे हर छोटी-बड़ी बातें एक-दूसरे से साझा करते थे। उनका प्यार लोगों के लिए मिसाल बन चुका था। लेकिन प्रेम जितना गहरा होता है, उतना ही उसका टूटना दर्दनाक हो सकता है। धोखे की परछाई एक दिन रिया को अपने दोस्त के माध्यम से पता चला कि आदित्य का किसी और लड़की के साथ संबंध है। पहले तो उसने इस बात को नज़रअंदाज किया, लेकिन जब उसने खुद आदित्य को उस लड़की के साथ देखा, तो उसका दिल टूट गया। विश्वासघात की ...

सौंदर्य की खुशबू

  सौंदर्य केवल आँखों से देखा जाने वाला रूप नहीं, बल्कि यह एक अनुभूति है, जो हमारे चारों ओर बसी होती है। यह प्रकृति की गोद में, कला की कृतियों में, प्रेम में, और आत्मा की गहराइयों में समाहित होता है। जब हम सौंदर्य की बात करते हैं, तो यह न केवल दृश्य रूप से बल्कि उसकी खुशबू से भी हमें प्रभावित करता है। सौंदर्य की खुशबू वह अहसास है, जो मन को शांति और आत्मा को संतुष्टि प्रदान करता है। प्रकृति में सौंदर्य की खुशबू प्रकृति की गोद में बसे फूलों की महक, बारिश की मिट्टी की सौंधी गंध, घास पर गिरी ओस की बूंदों से उठती ताजगी – यह सब सौंदर्य की खुशबू के अद्भुत उदाहरण हैं। जब गुलाब खिलता है, तो उसकी खुशबू चारों ओर फैलती है और हमारे मन को एक अनोखी शांति देती है। चंपा, चमेली, और केवड़ा जैसे फूलों की सुगंध मन को तरोताजा कर देती है। सुगंध केवल फूलों तक सीमित नहीं होती, बल्कि यह बहती नदियों, हरे-भरे जंगलों, और पहाड़ों की ताजगी में भी महसूस की जा सकती है। जब सुबह सूरज की पहली किरणें धरती पर पड़ती हैं, तो प्रकृति एक नई ऊर्जा से भर जाती है, और यह ऊर्जा हमारे भीतर भी एक नई प्रेरणा भर देती है। व्यक्तित्व ...

शीर्षक: मोहब्बत की सरगम

  मोहब्बत की सरगम अध्याय 1: पहली मुलाकात बारिश की हल्की बूँदें दिल्ली की सड़कों को चूम रही थीं, और एक हल्की ठंडक हवा में घुली थी। आयुष अपनी बाइक पार्क करके कॉफी शॉप में दाखिल हुआ, जहाँ हल्की रोशनी और धीमी संगीत की धुनें माहौल को और भी खास बना रही थीं। तभी उसकी नजर सिया पर पड़ी—एक लड़की जो खिड़की के पास बैठी थी, एक किताब में खोई हुई। उसके बाल हल्की नमी से भीगे थे, और उसकी आँखों में एक अनकही कशिश थी। आयुष बिना सोचे उसके पास गया और मुस्कुराकर बोला, "बारिश और किताबें, बेहतरीन जोड़ी है।" सिया ने किताब से नजरें उठाईं और हल्का सा मुस्कुराई, "और एक गर्म कॉफी भी।" आयुष ने सिर हिलाया, "अगर आप चाहें तो एक कॉफी मेरी तरफ से।" सिया ने शरारती अंदाज में कहा, "अगर कॉफी अच्छी लगी तो शायद तुम्हारा नाम भी पूछ लूँ।" और यहीं से उनकी कहानी की पहली धुन बज उठी। अध्याय 2: करीबियाँ उनकी मुलाकातें बढ़ने लगीं। कॉफी की चुस्कियों के बीच उनकी हँसी, छेड़छाड़ और हल्की-हल्की छू जाने वाली बातें… हर मुलाकात में एक नई गर्माहट थी। एक शाम, जब दोनों मरीन ड्राइव पर टहल रहे थे...

कल की धुन (Echoes of Tomorrow)

 कल की धुन (Echoes of Tomorrow) अध्याय 1: पहली धुन चेरी ब्लॉसम के फूल खिलने लगे थे जब रेन ने पहली बार मियु को गाते हुए सुना। यह कोई भव्य मंच नहीं था, न ही कोई भीड़भाड़ भरा सभागार। यह स्कूल के पुराने, सुनसान संगीत कक्ष में था। रेन, जो एक शांत और आत्मसंयमी पियानो वादक था, वहाँ दुनिया के शोर से बचने के लिए गया था। लेकिन वहाँ उसे जो मिला, वह एक लड़की थी, जो खिड़की के पास खड़ी थी और धीरे-धीरे गा रही थी। वह गाना सुनकर रुक गया। मियु की आवाज़ में एक खास एहसास था, एक ऐसी तड़प, जो उसके दिल को छू गई। जब गीत खत्म हुआ, तो मियु मुड़ी और चौंक गई। “तुम—” उसने हड़बड़ाकर कहा, चेहरा लाल पड़ गया। रेन ने झिझकते हुए कहा, “मुझे खेद है, मैं तुम्हें परेशान नहीं करना चाहता था।” मियु ने थोड़ी देर सोचा, फिर मुस्कुराई। “तुम पियानो बजाते हो, है ना?” रेन ने सिर हिलाया। मियु ने पियानो की ओर देखा। “क्या… तुम मेरे लिए कुछ बजा सकते हो?” रेन ने पहले संकोच किया, लेकिन फिर पियानो पर बैठ गया और उंगलियों को चाबियों पर रख दिया। जैसे ही धुन गूंजने लगी, मियु उसकी ओर देखती रही, और जब संगीत समाप्त हुआ, तो उसकी आँखों ...

अनकही मोहब्बत

दो अनजान राहें दिल्ली के एक व्यस्त कॉफी शॉप में, दो अनजान राहें आपस में टकरा गईं। एक थी रिया, एक जीवंत, उत्साही युवती, जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए शहर की हलचल में खोई हुई थी। दूसरी थी अदिति, शांत, गंभीर, और अपने विचारों की गहराई में डूबी हुई। रिया की बातों में एक अजीब सी ऊर्जा थी, जो अदिति के शांत स्वभाव को भी छू गई। पहली ही मुलाकात में, दोनों को लगा जैसे वे एक दूसरे को बरसों से जानती हों। रिया एक कलाकार थी, रंगों और रेखाओं से अपनी भावनाओं को व्यक्त करती थी। अदिति एक लेखिका, शब्दों की दुनिया में खोई रहती थी। दोनों की दुनिया अलग थी, पर एक अजीब सा आकर्षण था जो उन्हें एक दूसरे की ओर खींच रहा था। कॉफी शॉप की मुलाकातों से शुरू हुई दोस्ती, धीरे-धीरे गहरी होती गई। वे घंटों बातें करतीं, एक दूसरे के सपनों, आशाओं, और डर को साझा करतीं। अदिति की गंभीरता रिया को भाने लगी, और रिया की बेबाकी अदिति को एक नया नज़रिया देती थी। दोनों ने एक दूसरे में वो सहारा पाया, जिसकी उन्हें तलाश थी। रिया की रंगीन दुनिया अदिति के जीवन में एक नई उमंग लेकर आई, और अदिति की शांत समझ ने रिया को एक स्थिरता प्रदान...