कल की धुन (Echoes of Tomorrow)
अध्याय 1: पहली धुन
चेरी ब्लॉसम के फूल खिलने लगे थे जब रेन ने पहली बार मियु को गाते हुए सुना। यह कोई भव्य मंच नहीं था, न ही कोई भीड़भाड़ भरा सभागार। यह स्कूल के पुराने, सुनसान संगीत कक्ष में था। रेन, जो एक शांत और आत्मसंयमी पियानो वादक था, वहाँ दुनिया के शोर से बचने के लिए गया था। लेकिन वहाँ उसे जो मिला, वह एक लड़की थी, जो खिड़की के पास खड़ी थी और धीरे-धीरे गा रही थी।
वह गाना सुनकर रुक गया। मियु की आवाज़ में एक खास एहसास था, एक ऐसी तड़प, जो उसके दिल को छू गई। जब गीत खत्म हुआ, तो मियु मुड़ी और चौंक गई।
“तुम—” उसने हड़बड़ाकर कहा, चेहरा लाल पड़ गया।
रेन ने झिझकते हुए कहा, “मुझे खेद है, मैं तुम्हें परेशान नहीं करना चाहता था।”
मियु ने थोड़ी देर सोचा, फिर मुस्कुराई। “तुम पियानो बजाते हो, है ना?”
रेन ने सिर हिलाया।
मियु ने पियानो की ओर देखा। “क्या… तुम मेरे लिए कुछ बजा सकते हो?”
रेन ने पहले संकोच किया, लेकिन फिर पियानो पर बैठ गया और उंगलियों को चाबियों पर रख दिया। जैसे ही धुन गूंजने लगी, मियु उसकी ओर देखती रही, और जब संगीत समाप्त हुआ, तो उसकी आँखों में चमक थी।
"यह बहुत खूबसूरत था," उसने धीरे से कहा।
और वहीं से, उनके बीच एक अनकहा रिश्ता बन गया—एक ऐसा बंधन, जो संगीत की सुरों से जुड़ा हुआ था।
अध्याय 2: एक साथ एक धुन
दिन बीतते गए, और वे रोज़ संगीत कक्ष में मिलने लगे। मियु गाती, रेन पियानो बजाता, और दोनों साथ में जादू सा रचते।
एक दिन, गाना खत्म करने के बाद, मियु ने लंबी सांस ली और कहा, "मैं हमेशा मंच पर परफॉर्म करना चाहती थी, लेकिन मुझे स्टेज फ्राइट होता है।"
रेन ने उसकी ओर देखा। “लेकिन तुम तो बेहतरीन गाती हो।”
मियु ने हल्की मुस्कान दी। “जब कोई देख नहीं रहा होता, तब गाना आसान लगता है।”
रेन कुछ पल चुप रहा, फिर धीरे से बोला, “अगर… हम साथ में परफॉर्म करें तो?”
मियु चौंक गई। “साथ में?”
“हाँ,” रेन ने कहा। “मैं पियानो बजाऊँगा, और तुम गाओगी। इस तरह तुम अकेली महसूस नहीं करोगी।”
मियु ने आँखों में आशा की एक हल्की चमक के साथ सिर हिलाया। “तुम सच में ऐसा करोगे?”
"हाँ," रेन ने मुस्कुराकर कहा।
और पहली बार, मियु को लगा कि वह सच में यह कर सकती है।
अध्याय 3: अनकही भावनाएँ
जैसे-जैसे परफॉर्मेंस का दिन करीब आता गया, रेन के दिल में कुछ नया महसूस होने लगा—एक ऐसी भावना, जिसे उसने पहले कभी अनुभव नहीं किया था।
वह हमेशा अकेले रहना पसंद करता था, अपनी दुनिया में खोया रहता था। लेकिन मियु की मौजूदगी ने उसकी दुनिया को रोशन कर दिया था। उसकी हँसी एक ऐसी धुन थी, जिसे वह कभी खोना नहीं चाहता था।
एक शाम, जब वे अभ्यास कर रहे थे, मियु ने अचानक पूछा, "रेन, तुम हमेशा इतनी भावनाओं के साथ पियानो क्यों बजाते हो?"
रेन ने थोड़ा रुककर कहा, "क्योंकि संगीत वो सब कह देता है, जो मैं शब्दों में नहीं कह सकता।"
मियु ने हल्की मुस्कान दी। “तो… तुम क्या कहना चाहते हो?”
रेन ने कुछ कहने की कोशिश की, लेकिन शब्द नहीं निकल पाए। वह बताना चाहता था कि हर धुन सिर्फ उसके लिए थी, कि वह उसकी सबसे बड़ी प्रेरणा थी।
पर इससे पहले कि वह कुछ बोलता, मियु ने उसकी ओर देखा और कहा, “मुझे लगता है… तुम्हारा संगीत शब्दों से ज्यादा गहराई से बोलता है।”
और रेन बस यही आशा कर सकता था कि एक दिन मियु उन धुनों में छिपे उसके शब्दों को सुन सके।
अध्याय 4: सच का सामना
परफॉर्मेंस का दिन आ गया। ऑडिटोरियम खचाखच भरा हुआ था। बैकस्टेज, मियु बार-बार अपने हाथ मल रही थी।
“अगर मैं गड़बड़ कर दूँ तो?” उसने फुसफुसाया।
रेन ने उसके हाथ को हल्के से पकड़ लिया। “तुम नहीं करोगी। मैं तुम्हारे साथ हूँ।”
मियु ने गहरी सांस ली और सिर हिलाया। “ठीक है।”
वे मंच पर गए। रेन ने पियानो बजाना शुरू किया। पहले कुछ सेकंड मियु झिझक गई। लेकिन फिर उसने रेन की ओर देखा, उसके शांत, आश्वस्त करने वाले चेहरे को देखा, और उसने गाना शुरू कर दिया।
उसकी आवाज़ पूरे हॉल में गूंज उठी। दर्शक मंत्रमुग्ध होकर सुनते रहे।
और उस पल, रेन को एहसास हुआ—
वह मियु से प्यार करता था।
ऐसा प्यार जो अस्थायी नहीं था, बल्कि गहरा और सच्चा था।
जैसे ही गाना खत्म हुआ, हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। मियु ने रेन की ओर देखा, उसकी आँखों में हजारों अनकहे शब्द थे।
“हमने कर दिखाया,” उसने धीमे से कहा।
रेन ने सिर हिलाया, लेकिन उसे पता था कि अभी एक और बात कहनी बाकी थी।
अध्याय 5: संगीत में छुपा इज़हार
उस रात, वे फिर से संगीत कक्ष में मिले।
मियु मुस्कुराई। "अगर तुम मेरे साथ नहीं होते, तो मैं यह कभी नहीं कर पाती।"
रेन ने पियानो पर उंगलियाँ रखीं। “मैं तुम्हें कुछ सुनाना चाहता हूँ।”
उसने बजाना शुरू किया। यह एक नई धुन थी—एक ऐसी धुन, जिसमें उसकी सारी भावनाएँ समाई हुई थीं। मियु ध्यान से सुनती रही, और जैसे ही आखिरी नोट खत्म हुआ, उसे समझ आ गया।
"रेन..." उसने धीरे से कहा।
रेन ने उसकी ओर देखा, दिल की धड़कनों को काबू में रखने की कोशिश करते हुए। “मियु, मैं—”
लेकिन उसे अपनी बात पूरी करने की ज़रूरत नहीं थी।
क्योंकि चाँदनी की हल्की रोशनी में, मियु ने एक कदम आगे बढ़ाया और धीमे से फुसफुसाई—
"मुझे पता है। मैं भी तुमसे प्यार करती हूँ।"
और जब उनके हाथ आपस में मिले, उनकी प्रेम कहानी—संगीत की सुरों में गूँजती हुई—अपने अगले अध्याय में प्रवेश कर गई।
समाप्त।
कैसा लगा? 😊💕
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